नहीं रहता कण-कण में
भगवान
सत्यान्वेषी बन्धुओं ! कण-कण में भगवान या घट-घट में भगवान या
सबमें भगवान घोषित करना घोर अज्ञानता व मूर्खता का परिचय देना है ! क्योंकि भगवान
कण-कण में तो क्या वह तो धरती पर ही हमेशा नहीं रहता है ! इसका प्रमाण हमारे
सद्ग्रंथों में दिया है तथा विज्ञान भी इसे प्रमाणित करता है। यह देखिए प्रमाण :-
वेदों से –
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ऋचो अक्षरे
परमे व्योमन् देवा अधि विश्वे निषेदु:।
यस्तं न वेद
किमृचा करिष्यति य इत् तद् विदुस्ते इमे समासते॥
(श्वेता ४/४, ऋग्वेद १/१६/३९, अथर्वेद ९/१५/१८)
व्याख्या – परमतत्त्वम् रूप
परमसत्य रूप परमब्रह्म-परमेश्वर के जिस अविनाशी परम आकाश रूप परमधाम में समस्त
चेतन देवतागण भी उसी में और समस्त जड़ जगत् रूप सारा विश्व भी उसी में स्थित रहता
है उसी से सम्पन्न होता हैं। जो मनुष्य उस परमधाम में रहने वाले परमब्रह्म-पुरुषोत्तम
को नहीं जानता और इस रहस्य को भी नहीं जानता कि समस्त जड़-चेतन रूप देवजन और विश्व
भी उसी में स्थित रहते और उसी से ही उत्पन्न होते हैं; वह वेदों की ऋचाओं
द्वारा अपना क्या प्रयोजन सिद्ध करेगा? अर्थात् कुछ सिद्ध
नहीं कर सकेगा। परन्तु जो उन परमात्मा को तत्त्व से जान लेते हैं, वे तो उस परमधाम
में ही सम्यक प्रकार से स्थित रहते हैं, अर्थात् वहाँ से
कभी नहीं लौटते।
श्रीमद्
भगवदगीता से –
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न तद्
भासयते सूर्यो न शशांको न पावकः ।
यद् गत्त्वा
न निवर्तन्ते तद् धाम परमं मम् ॥
(श्रीमद् भगवदगीता १५/६)
भावार्थ- उस
परम आकाश रूप परमपद को न तो सूर्य ही प्रकाशित कर सकता है और न चन्द्रमा की रोशनी
ही और न अग्नि ही। जिस परमपद को प्राप्त होकर मनुष्य वापस संसार में नहीं आते हैं, वही ‘मेरा’ परमधाम है।
श्रीरामचरितमानस
से –
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एक अनीह
अरूप अनामा। आज सच्चिदानन्द परधामा ।।
‘परमात्मा एक है, अनिच्छित है, नाम-रूप से रहित, अजन्मा है, सच्चिदानन्द है और
परमधाम का वासी है।’
बाइबिल से –
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बाइबिल में
यह बात आई है कि यीशु ने कहा, “मेरे आसमानी पिता
से एक ज्योति छिटकी जो मुझमें आकर समाहित हो गयी और मैं उसके पुत्र के रूप में सभी
लोगों को अपने पिता की तरफ जाने के लिए मार्ग प्रसस्त करने लगा तथा उन लोगों को यह
कहने लगा कि जो यहाँ मेरा सेवा-सहयोग करेगा, मैं भी अपने
परमपिता के यहाँ उसका वैसा ही सेवा-सहयोग करूँगा।”
आदि में ‘शब्द’ था, ‘शब्द’ परमेश्वर के साथ था, शब्द(वचन) ही
परमेश्वर था।
-------- यूहन्ना १/१
शब्द (वचन)
देहधारी हुआ। वह हम लोगों के बीच डेरा किया। वह सत्य और अनुग्रह से पूर्ण था।
--------- यूहन्ना १/१४
इससे यहाँ
स्पष्ट होता है कि यीशु के परमपिता रूप सुप्रीम लॉर्ड रूप गॉड फादर आसमानी
पैराडाइज़ (PARADISE) ETERNAL ABODE वाले हैं जो किसी
शरीर में नहीं बल्कि परमआकाश में ही रहते हैं।
कुरान शरीफ़
से –
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इसी प्रकार
कुरान शरीफ़ के अनुसार भी मोहम्मद साहब के पास भी सातवें आसमान से अल्लाहतआला के
पास से खुदाई सन्देश लेकर हजरत जिब्रील अमीन आया करते थे। अल्लाहतआला से सम्बंधित
सातवें आसमान की बात कुरान शरीफ़ में बार-बार आई है जिसे ‘बिहिश्त का बाग’ भी कहा गया है।
इससे यहाँ भी यह स्पष्ट हो जाता है कि मोहम्मद साहब के रहीमु-करीमु परवरदिगार
अल्लाहतआला बिहिश्त में ही रहते हैं, न कि इस जमीन पर या
किसी के दिल या जिस्म में। कुरान शरीफ़ में भी ऐसा स्पष्ट संकेत है कि कयामत के समय
अल्लाहतआला इस जमीन पर हाजिर-नाजिर होगा अर्थात् अवतरित होगा और उसी का सच्चा
राज्य होगा और वही सिंहासन तख़्त पर विराजमान होकर असत्य-सत्य का न्याय करेगा।
विज्ञान से –
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विज्ञान के
अनुसार, ‘पदार्थ शक्ति का सघन रूप है।’ Matter is the
deeply form of power.
इस प्रकार
विज्ञान भी इस बात को प्रमाणित करता है कि कण-कण में शक्ति होती है। अब शक्ति को
ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर कह देना अज्ञानता तथा मूर्खता नहीं तो और क्या है ?
सन्त
ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस के अनुसार –
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कण-कण में
भगवान यह घोर है अज्ञान। सब में है भगवान मूर्खतापूर्ण है यह ज्ञान। कण-कण में
शक्ति, शरीरों में जीवात्मा, आकाश में आत्मा और
परमआकाश रूप परमधाम में सदा रहते हैं परमात्मा, सिवाय अवतार बेला
में एकमेव एक अवतारी शरीर मात्र के।